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श्री हरि मंदिर साहिब को बम से उड़ाने की धमकियों के मामले में बड़ी सफलता : दो आरोपी गिरफ्तार

अमृतसर 18 जुलाई (साहिल गुप्ता) : अमृतसर स्थित श्री हरि मंदिर साहिब को बम से उड़ाने की धमकियों के मामले में बड़ी सफलता मिली है। तमिलनाडु से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) को धमकी भरे ई-मेल भेजने के पीछे बताए जा रहे हैं। हालांकि पंजाब सरकार या पुलिस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों से तमिलनाडु में जांच टीमें सक्रिय थीं और लिंक तलाश रही थीं। 14 जुलाई से अब तक SGPC को पांच धमकी भरे ई-मेल मिल चुके हैं।

इन मेल्स में श्री हरि मंदिर साहिब को आरडीएक्स से उड़ाने की बात कही गई थी। मेल्स के बाद अमृतसर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं और श्री हरि मंदिर साहिब परिसर सहित आसपास के क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ सघन तलाशी अभियान चलाया गया।

आरोपी से पूछताछ जारी

तमिलनाडु से गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान अब तक उजागर नहीं की गई है, लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान कुछ अहम सुराग मिल सकते हैं। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या यह कोई अकेला साइबर हमला था या इसके पीछे कोई संगठित नेटवर्क या कट्टरपंथी साजिश है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की उच्चस्तरीय बैठक

धमकी भरे ईमेल्स को गंभीरता से लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डीजीपी गौरव यादव सहित शीर्ष पुलिस और खुफिया अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया: “हम पंजाब की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे। श्री हरि मंदिर साहिब जैसे पवित्र स्थल की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और कोई भी राष्ट्र-विरोधी तत्व बख्शा नहीं जाएगा।” मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को अफवाहों से दूर रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की।

मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से बुलाई गई बैठक और मौजूद डीजीपी पंजाब गौरव यादव व सीनियर अधिकारी।

SGPC ने जताई थी चिंता

SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने इस पूरे घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि ये स्पष्ट नहीं, धमकी किसी शरारत का हिस्सा है या किसी बड़ी साजिश का इशारा। उन्होंने सरकार से इस मामले की गहराई से जांच करने की मांग की थी ताकि सच सामने आ सके और लोगों की धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे।

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