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भारत-पाक के 4 नौजवानों के लिए फरिश्ता बने डॉ. ओबेरॉय, UAE में फांसी माफ; दी 46 लाख की ब्लड मनी

अमृतसर, 27 दिसंबर (साहिल गुप्ता) : सरबत दा भला ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय ने 46 लाख रुपए की ब्लड मनी देकर 4 युवाओं की जान बचाई है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शारजाह में एक भारतीय युवक की हत्या के आरोप में चार युवकों को मौत की सजा सुनाई गई है। इनमें से तीन युवक पाकिस्तानी और एक भारतीय है।

 

2019 में शारजाह में एक भारतीय युवक की हत्या के मामले में चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था। इन युवाओं में भारत से पंजाब के गुरदासपुर जिले से संबंधित गुरप्रीत सिंह और पाकिस्तानी पंजाब से संबंधित राव मुहम्मद आदिल, राणा ताबिश राशिद और आदिल जावेद चीमा शामिल हैं।

 

गुरदासपुर जिले के गुरप्रीत सिंह के परिवार ने सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की अमृतसर इकाई से संपर्क किया, जिसके बाद डॉ. एसपी ओबेरॉय ने मामले को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश की। दो साल की सुनवाई के बाद शारजाह कोर्ट ने इन चारों युवकों को मौत की सजा सुनाई। काफी देर तक मारे गये युवक के माता-पिता से संपर्क करने के बाद डॉ. एसपी सिंह ने उन्हें ब्लड मनी के लिए राजी किया।

 

इस समझौते के बाद शारजाह कोर्ट में जजों की मौजूदगी में डॉ. ओबेरॉय ने मृतक युवक की पत्नी और भाई को ब्लड मनी के तौर पर 2 लाख द्राम (करीब 46 लाख भारतीय रुपये) सौंपे। आदेश के मुताबिक आरोपी युवक की मौत की सजा को 5 हिस्सों में बांटा गया और मृतक के परिवार से मंजूरी ली गई।

 

इस मामले को लेकर डॉ. ओबेरॉय ने कहा कि शारजाह कोर्ट ने अब अंतिम फैसला सुनाने के लिए अगली सुनवाई 22 जनवरी 2024 को तय की है। उस दिन इन युवकों की रिहाई की पूरी संभावना है। शरिया कानून के मुताबिक, अगर दोनों पक्षों के बीच समझौते के बाद ब्लड मनी को अदालत में जमा करने की अनुमति दी जाती है, तो समझ लें कि मौत की सजा माफ कर दी जाएगी।डॉ. ओबेरॉय ने रोजगार की तलाश में विदेश खासकर खाड़ी देशों में आने वाले युवाओं से ऐसे किसी भी अपराध से दूर रहने का आग्रह किया। शारजाह कोर्ट में चारों युवकों को मौत की सजा से बचाने पर हुए समझौते के बाद आरोपी भारतीय और पाकिस्तानी युवकों के परिवारों ने भी डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय को धन्यवाद दिया है।

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