ताज़ा खबरपंजाब

पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर में ‘रिसर्च प्रोजेक्ट एंड ग्रांट्स’ पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन

जालंधर, 17 नवंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर के इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल ने रिसर्च कमेटी के सहयोग से ‘रिसर्च प्रोजेक्ट एंड ग्रांट्स’ नामक पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। कार्यक्रम के वक्ता डॉ. अनंत राम (उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संवर्धन, सलाहकार, नई दिल्ली) थे।

वह अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सलाहकार के रूप में पचास से अधिक विश्वविद्यालयों और सौ कॉलेजों से जुड़े रहे हैं। वह वर्तमान में कैपिटल यूनिवर्सिटी, कोडरमा, झारखंड के कुलपति के विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। इस एफडीपी का मुख्य उद्देश्य अनुसंधान अनुदान अधिग्रहण कौशल को बढ़ाना था। इसने अनुसंधान निधि की दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उत्सुक स्टाफ सदस्यों के एक विविध समूह को एक किया ।

चर्चा ने प्रतिभागियों को नवीनता के माध्यम से अपने संबंधित शैक्षणिक क्षेत्रों में अनुसंधान अनुदान के जटिल परिदृश्य को सरल करने के लिए सशक्त बनाया। विभिन्न प्रकार के अनुदानों, अनुदान प्रस्ताव विकास के पहलुओं, बजट, अनुमोदन प्रक्रिया और परियोजना प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई। इसका उद्देश्य केवल अनुसंधान को प्रोत्साहित करना नहीं था, बल्कि अनुशासनात्मक सीमाओं से परे सहयोग की भावना को बढ़ावा देना, बातचीत को प्रज्वलित करना और अंतःविषय अनुसंधान परियोजनाओं के लिए विचारों को बढ़ावा देना भी था।

अपनी प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने सामाजिक विज्ञान, अनुप्रयुक्त विज्ञान, गणित, कॉमर्स, मार्केटिंग और अन्य विषयों में कई फंडिंग एजेंसियों की गणना की जो सेमिनार, सम्मेलन और अनुसंधान परियोजनाओं के लिए अनुदान प्रदान करती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सरकारी योजनाओं पर भी मुख्य जोर दिया जहां महिला शिक्षक अनुदान और फेलोशिप का लाभ उठा सकती हैं। अध्यक्ष श्री नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सदस्यों और प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर ने सत्र के सफल संचालन के लिए इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल और रिसर्च सेल के प्रयासों की सराहना की। प्रिंसिपल ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए, स्टाफ सदस्यों और छात्रों के बीच अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ऐसे सत्रों का आयोजन अनिवार्य है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button