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Trump in action : 12 देशों को लेकर अमेरिका में एंट्री बैन

दिल्ली, 05 जून (ब्यूरो) : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों के लोगों के अमेरिका में दाखिल होने पर बैन लगा दिया है। ऐसे में इन देशों के लोग अमेरिका की यात्रा नहीं कर सकते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ट्रंप ने कई देशों के लोगों पर टूवेल बैन लगाया था। हालांकि, बाद में इसे हटा दिया गया था। अब एक बार फिर ट्रंप ने कई देशों के लोगों के अमेरिका में घुसने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रंप ने अमेरिका की सुरक्षा का हवाला देते हुए सात अन्य देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। ट्रंप ने बुधवार रात एक घोषणा पर हस्ताक्षर करके एक दर्जन देशों के लोगों को संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने से रोक दिया है।

लेकिन हैरान करने वाली बात है कि ट्रंप प्रशासन ने दुनियाभर में आतंकवाद के सप्लायर पाकिस्तान को इससे बाहर रखा गया है। अमेरिका के इस दोहरे रवैये पर एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं। ट्रंप ने प्रतिबंध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम कोलराडो में यहूदियों के एक विरोध प्रदर्शन पर एक शख्स के फ्लेमथ्रोवर हमले के बाद उठाया गया। अमेरिकी अधिकारियों ने हमलावर के बारे में कहा था कि वह देश में अवैध रूप से रह रहा था। अमेरिका ने जिन देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है, उनमें अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं।

ट्रंप ने कहा, ‘हम किसी भी ऐसे देश से खुले प्रवास की अनुमति नहीं दे सकते, जहां हम सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से जांच और स्क्रीनिंग नहीं कर सकते। यही कारण है कि आज मैं यमन, सोमालिया, हैती, लीबिया और कई अन्य देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं।’ इसके अलावा ट्रंप ने सात देशों बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोग, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के यात्रियों पर आंशिक प्रतिबंध भी लगाया है। लेकिन ताज्जुब है कि आतंक की फैक्ट्री के रूप में मशहूर पाकिस्तान को उन्होंने बाहर रखा है।

ट्रंप के नए वीजा प्रतिबंध पर रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्मचेलानी ने सवाल उठाए हैं और इसके दोहरेपन को रेखांकित किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चेलानी ने लिखा, ट्रंप द्वारा 12 से आने वाले आगंतुकों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध में म्यांमार (जहां अमेरिका जुटा विरोधी विद्रोहियों की सहायता कर रहा है) शामिल है, लेकिन आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान को इसमें शामिल नहीं किया गया है। जो भारत के पड़ोस के प्रति उनके डीप स्टेट नजरिए को दिखाता है।

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