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HMV के प्राणि विज्ञान विभाग एवं पर्यावरण क्लब ने मनाया वन्यजीव सप्ताह

जालंधर, 18 अक्तूबर (धर्मेंद्र सौंधी) : हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर के प्राणि विज्ञान विभाग एवं पर्यावरण क्लब ने प्राचार्य, प्रो. (डॉ.) श्रीमती अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में वन्यजीव सप्ताह मनाया। वन्यजीव सप्ताह 2022 का विषय ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना’ था। विभिन्न जानवरों के आकार में वन्यजीव सप्ताह के बैज तैयार कर विद्यार्थियों द्वारा वितरित किए गए। इस अवसर पर वन्यजीव संरक्षण पर एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी आयोजित की गई और छात्रों ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया। वन्यजीव संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और वन्यजीवों पर इसके प्रभाव से संबंधित विषयों पर छात्रों द्वारा पावर प्वाइंट प्रस्तुतियां भी प्रस्तुत की गईं। इसके अलावा सूचनात्मक और खूबसूरती से डिजाइन किए गए पोस्टर और छात्रों द्वारा तैयार किए गए रचनात्मक स्लोगन भी प्रदर्शित किए गए। इसके अलावा, छात्रों ने वन्यजीव संरक्षण से संबंधित कविताओं का भी पाठ किया। छात्रों को स्तनधारियों, सरीसृपों और पक्षियों सहित विभिन्न जंगली जानवरों से परिचित कराने और जानवरों के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए नेहरू जूलॉजिकल पार्क, हैदराबाद की एक आभासी यात्रा का आयोजन किया गया था। प्राचार्य महोदया, प्रो. (डॉ.) श्रीमती अजय सरीन ने प्राणी विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की और छात्रों को वन्य जीवन के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रधानाचार्या महोदया ने छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ प्रकृति के संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पूरे मन से काम करने का संकल्प लिया। डॉ. सीमा मारवाह, डीन अकादमिक और जूलॉजी विभाग के प्रमुख ने हर साल मनाए जाने वाले वन्यजीव सप्ताह के उद्देश्यों को स्पष्ट किया, जिसकी अवधारणा 1952 में भारतीय वन्य जीवन बोर्ड (आईबीडब्ल्यूएल) द्वारा की गई थी और इस वर्ष की थीम पर ध्यान आकर्षित करने के तरीके के रूप में जोर दिया गया था। वन्य जीवों और वनस्पतियों की सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों में से कुछ के संरक्षण की स्थिति के लिए।पर्यावरण क्लब के प्रभारी डॉ साक्षी वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और छात्रों की अधिकतम भागीदारी के साथ महत्वपूर्ण पर्यावरण संबंधी दिनों को मनाने के लिए मंच प्रदान करने के लिए पर्यावरण क्लब की भूमिका पर प्रकाश डाला ताकि उनमें प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। और समग्र रूप से जैव विविधता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए व्यक्तिगत आधार पर समाधानों को लागू करना। पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया और सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र दिए गए। श्री रवि कुमार, सहायक प्रोफेसर जूलॉजी, कार्यक्रम के संयोजक थे। मंच संचालन सुश्री ईशा थंकुर (बी.एससी. बीटी सेम वी) द्वारा किया गया था। लैब अटेंडेंट श्री सचिन ने आयोजन की सभी व्यवस्थाओं में सहयोग किया।

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