
जालंधर, 01 जून (धर्मेंद्र सौंधी) : आज इस समय पंजाब के हर गाँव और शहर के कोने-कोने में बेरोकटोक बिकने वाला नशा इस बात की गवाही दे रहा है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान च आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल द्वारा 31 मई तक पंजाब को नशा-मुक्त करने का वादा पूरी तरह विफल हो चुका है, ऐसा लगता है युद्ध नशा विरुद्ध पंजाब मान सरकार के कुशासन से दिल्ली की तरह पंजाब में आप पार्टी के खो चुके जनाधार से लुधियाना उपचुनाव की हार टालने का प्रयास यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और डरावनी सच्चाई है क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान जी अपनी पाँचवीं डेडलाइन भी पूरी नहीं कर पाए। यह बात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्वेत मलिक ने जालंधर में प्रेस वार्ता में कहीं
इस प्रेस वार्ता में उनके साथ पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, प्रदेश भाजपा महामंत्री राकेश राठौड़, पूर्व विधायक शीतल अंगुराल, जगबीर बराड़, जालंधर नगर निगम मे विपक्ष दल भाजपा के नेता मनजीत सिंह टीटू, महामंत्री अशोक सरीन हिक्की, राजेश कपूर, अमरजीत सिंह गोल्डी आदि मौजूद रहे।
वही मलिक ने पूछा कि मान सरकार बेड़े नशा सौदागरों माफिया पर करवाई क्यो नहीं करती, यह एक संदेह पैदा करता है
भगवंत मान द्वारा पंजाब को नशा मुक्त करने के झूठे वादों और टाइमलाइन पर टिप्पणी करते हुए श्वेत मलिक ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने 2020 से 2022 तक पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले बार बार दावा किया था कि सरकार बनते ही ये एक महीने में पंजाब से नशे को खत्म कर देंगे। लेकिन 16 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले मान की पहली डेडलाइन 16 अप्रैल 2022 बिना किसी बदलाव के गुजर गई। इसी तरह मार्च 2022 में जून 2022 तक की दूसरी डेडलाइन, 15 अगस्त 2023 की तीसरी डेडलाइन (15 अगस्त 2024 तक), जून 2024 में 31 दिसंबर 2024 की चौथी डेडलाइन और 1 मार्च 2025 को 31 मई 2025 तक की पाँचवीं डेडलाइन भी झूठी साबित हुई।
– युद्ध नशे विरुद्ध, फेल, नहीं टूटी सप्लाइ चैन
सब जानते हैं की कोरोना के दौरान नशे की सप्लाइ चैन टूटी, जिस कारण हर जिले में नशा छुड़ाओ केंद्रों के बाहर दवाई लेने की बड़ी बड़ी पंक्तियां लग गई थी। पर एक मार्च 2025 से शुरू किए गए बुद्ध नशे विरुद्ध के समय नशा छुड़ाओ केंद्रों के बाहर ऐसी कोई पंक्तियां नहीं लगी। इसका मतलब स्पष्ट है कि पंजाब सरकार का अभियान सिर्फ विज्ञापनों, कार्यक्रमों व खबरों तक सीमित था और पंजाब में आम आदमी पार्टी की चरमराई राजनीतिक स्थिति पर झूठा राजनीतिक स्टंट सिद्ध हुआ और नीचे कोई असर नहीं हुआ, कोई नशे की सप्लाइ चैन नहीं टूट्टी। नशे ने भयानक रूप धारण कर लिया
मलिक ने कहा कि पंजाब में नौजवान लड़कों के साथ-साथ 8 से 12 साल के बच्चे, लड़कियाँ और गर्भवती महिलाएँ भी नशे की चपेट में आ रही हैं। नशे में धुत युवाओं, खासकर लड़कियों की वीडियोज रोज वायरल हो रही हैं। नशे के लिए नशेरियों ने अपने ही परिवार के सदस्यों की हत्या तक कर दी है और दूध पीते बच्चों को दीवार से पटककर मार डाला है। नशे की वजह से पूरे परिवार तबाह हो गए हैं और उनके घरों पर ताले लग गए हैं।
– निडर तस्कर कर रहे हैं चिट्टे (ड्रग्स) की होम डिलीवरी
मलिक ने आगे कहा कि नशा इतना खुलेआम बिक रहा है कि त्यहाँ चिट्टा बिकता हैर जैसे बोर्ड लगाए जा रहे हैं। शराब के अहातों की तरह अब ‘चिट्टे’ के अहाते बन गए हैं। ड्रग्स की होम डिलीवरी की जा रही है। राशन लेने वाली लाइनों की तरह अब लोग ड्रग्स खरीदने के लिए कतार में खड़े हैं।
नशा तस्करों के हौसले बुलंद, जान लेने से भी नहीं हिचकिचाते
नशा तरकर नशे का विरोध करने वालों पर हमला करते हैं, उनके घरों पर गोलियाँ चलाते हैं और उनके परिवार के सदस्यों को भी मार देते हैं। अब तो वे पुलिस पर हमला करने या उन्हें मारने से भी नहीं डरते।
मुख्यमंत्री बत्ताएँ, अब नशा कौन बेच रहा है ?
अंत में मलिक ने कहा कि जब भगवंत मान और केजरीवाल सत्ता में नहीं थे, तो वे कहते थे कि ‘सत्ता में बैठे अकाली और कांग्रेसी नेता नशा बेचते हैं’। अगर आज उसी फॉमूलें को लागू किया जाए, तो अब पंजाब में मुख्यमंत्री मान, मंत्री, विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता पंजाब के नशा में डूबने से चुप क्यों हैं, सचाई यह है कि नशा तस्कर पंजाब में निडर होकर समाज को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं जिसकी ताजा उदारण मजीठा में नशे से हुई भारी संख्या में निर्दोष लोगो की मौत है।