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जालंधर कैंट विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मारामारी को लेकर शिअद बादल में शुरू हुई बगावत

पार्टी नेताओं ने जगबीर बराड़ का क्यों किया विरोध ? और किस के समर्थन में उठाई आवाज।

जालंधर 11 सिंतबर (धरमिंदर सोंधी): जालंधर कैंट विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मारामारी को लेकर शिरोमणि अकाल दल (बादल) के वर्करों ने बगावत शुरू कर दी है। वर्करों का यह विरोध जालंधर कैंट हलके से जगबीर सिंह बराड़ को शिअद (बादल) का प्रत्याशी घोषित करने के बाद ही शुरू हो गया था, जोकि अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्करों ने जगबीर बराड़ के विरोध में और सरबजीत सिंह मक्कड़ के हक में आवाज उठानी शुरू कर दी है। वर्करों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर पार्टी हाईकमान ने मक्कड़ को किसी पद का लालच देकर शांत कर दिया, तब वे मक्कड़ का भी विरोध करेंगे। शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान सौदागर सिंह औजला और राजेश बिट्टू ने कहा कि शिअद हाईकमान ने वर्करों की सुनवाई ना की तो कड़ा संघर्ष करेंगे। पार्टी को पैराशूट से लाए उम्मीदवार को सीट देने का फैसला वापस लेना चाहिए। सौदागर सिंह औजला ने कहा कि शिअद (बादल) ने अपने वर्करों के साथ धोखा किया है। वर्करों के साथ मीटिंग किए बिना ही जगबीर बराड़ को कैंट का इंचार्ज लगाना गलत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में भी पार्टी ने वर्करों को दरकिनार करते हुए जगबीर बराड़ को सीट दी थी। इसके बावजूद वर्करों ने पार्टी को जीत दिलाई थी। फिर साढ़े चार साल बाद जगबीर बराड़ पार्टी छोड़कर भाग गए। इसी तरह से परगट सिंह को पार्टी में शामिल किया गया। उन्हें वर्ष 2012 के चुनाव में भी जीत दिला विधायक बनाया। वे भी साढ़े चार साल बाद पार्टी छोड़ गए।

इस तरह पार्टी का दोनों बार का फैसला गलत साबित हुआ था। इसके बाद पार्टी ने सरबजीत सिंह मक्कड़ को हलका इंचार्ज लगाया। अब मक्कड़ की जगह जगबीर बराड़ को टिकट दी जा रही है। पार्टी के इस फैसले से वर्करों में मायूसी हैं। उन्होंने कहा कि पैराशूट उम्मीदवार बार-बार हलका छोड़ कर भाग रहे हैं। वे जाते समय कई वर्करों को भी दूसरी पार्टी में ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरबजीत मक्कड़ पार्टी के वफादार रहे हैं। वे मुश्किल समय में भी पार्टी को छोड़ कर नहीं गए। पार्टी अब पांच साल तक मक्कड़ को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें दरकिनार कर रही है। सौदागर सिंह ने कहा कि पिछले पांच सालों में वर्करों के घर-घर जाकर पार्टी को खड़ा किया। अब बराड़ को टिकट दिए जाने के फैसले से वर्कर नाखुश हैं। पार्टी ने उम्मीदवार बदलते समय किसी भी सर्किल प्रधान, वार्ड प्रधान, पार्षद, ब्लाक समिति मेंबर, जिला परिषद मेंबर, सरपंच या वर्कर से राय नहीं ली। इसी कारण अब पार्टी वर्कर खासकर एससी भाईचारा एक तरफ होकर पार्टी को सबक सिखाने के मूड में हैं। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने मक्कड़ को झूठे वादे या पद देकर मनाने की कोशिश भी की तो वर्कर मक्कड़ का भी विरोध करेंगे, क्योंकि बार-बार उम्मीदवार बदलने से उनमें रोष बहुत बढ़ गया है। इस मौके पर जोगिंदर पाल गोरा, बलविंदर सिंह सैनी, सुदेश वर्मा, सुरिंदर भगत, चमन लाल, मुख्तियार आलम, बलविंदर कुमार, चंदर मोहन, कृष्ण कुमार, लक्की, बलविंदर सूरी, हरदीप सिंह संधू, बलवीर सिंह सैनी, सुखविंदर सिंह जग्गी, पंकज ढींगरा, गुलशन सहगल, सतपाल नांगला, राज कुमार आदि मौजूद थे।

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