
चंडीगढ़, 24 जून (ब्यूरो) : लुधियाना उपचुनाव में जीत के बाद पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार में फेरबदल की तैयारी शुरू हो गई है। पंजाब में एक बार फिर से बड़ा सियासी बदलाव होने जा रहा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की।
दो दिनों में मंत्रिमंडल में फेरबदल
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने साफ किया कि आने वाले 3-4 दिनों में मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल के सामने चंडीगढ़ में AAP को कार्यालय के लिए जगह देने की मांग भी रखी। सीएम ने कहा कि पार्टी ने सभी नियम पूरे कर लिए हैं और वे इसे लेकर गवर्नर को लिखित में जानकारी दे चुके हैं। जल्द ही चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का अपना कार्यालय होगा।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट कहा कि आने वाले 2-4 दिनों में कैबिनेट में विस्तार की तैयारी है। उन्होंने कहा- लोगों के मैनडेट का सतकार करना बनता है। 2022 में हम लुधियाना वेस्ट में तकरीबन 7 हजार वोटों से जीते थे और अब 12 हजार के करीब वोटों से जीते हैं। ऐसे में अब संजीव अरोड़ा को राजभवन की सीढ़ियों पर चढ़ाया जाएगा।
आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न लुधियाना वेस्ट विधानसभा उपचुनाव में संजीव अरोड़ा की जीत के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की अटकलें तेज हो गई थी। संजीव अरोड़ा वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन अब विधायक चुने जाने के बाद उन्हें मंत्री बनाया जा रहा है। सीएम मान ने कहा कि कल वे दिल्ली जा रहे हैं और वापस आने के बाद कैबिनेट में उन्हें जोड़ा जाएगा।
वहीं, सूत्रों का कहना है कि मंत्रीमंडल में दो पद खाली हैं। ऐसे में संजीव अरोड़ा के साथ-साथ एक और विधायक को भी शपथ दिलाई जा सकती है। इनमें मालवा क्षेत्र से एक महिला विधायक और एक दूसरी बार जीतकर आए युवा विधायक के नाम की अटकलें चल रही हैं। पार्टी की रणनीति इस फेरबदल के जरिए क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन साधने की है।
तीन साल में सातवां मंत्रिमंडल फेरबदल
वहीं, माझा क्षेत्र से एक पुराने विधायक की संभावित वापसी को लेकर भी चर्चाएं गर्म हैं। पार्टी हाईकमान उन विधायकों की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों की निगरानी कर रहा है, जिन्हें विचाराधीन की श्रेणी में रखा गया है। आपको बता दें कि भगवंत मान के नेतृत्व में यह तीन साल के कार्यकाल का सातवां मंत्रिमंडल फेरबदल होगा।