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सतलुज दरिया का जलस्तर एक बार फिर बढ़ा, बाढ़ आने का खतरा

चंडीगढ़, 25 अगस्त (ब्यूरो) : हिमाचल प्रदेश में बीते 2 दिनों से बाढ़ के कारण इमारते गिरने के मामले सामने आ रहे है। दरअसल, बीते 2 दिन से हो रही बारिश फिर तबाही लेकर आई है। इसके साथ ही पंजाब में भी अब तीसरी बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। रोपड़ जिले में सतलुज का जलस्तर एक बार फिर बढ़ा है, वहीं तरनतारन का एक सरहदी गांव पानी से घिर गया है। भाखड़ा बांध और तरनतारन में हरिके हेड से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, भाखड़ा बांध में पानी कम और ज्यादा हो रहा है। बीते दिनों में भाखड़ा का जलस्तर खतरे से 8 फीट तक कम हो गया था, लेकिन अब वह दोबारा खतरे के निशान 1680 फीट पर पहुंचा गया है, जो 7 फीट कम है, इसके बाद भाखड़ा से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है।

भाखड़ा में आज का जलस्तर 1673.91 फीट पर है। भाखड़ा बांध के फ्लड गेटों को 4 फीट तक खुले रखा गया है, जिसके बाद भाखड़ा डैम में पानी की आमद 52810 क्यूसेक दर्ज की गई। भाखड़ा डैम से टरबाइनों के माध्यम से 41143 क्यूसेक और फ्लड गेटों के माध्यम से 15358 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। नंगल डैम से नंगल हाइडल नहर में 12350 क्यूसेक, आनंदपुर साहिब हाइडल नहर में 10150 क्यूसेक, जबकि सतलुज दरिया में 35900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं नंगल डैम से 58400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

हिमाचल में बारिश के बाद रोपड़ में सतलुज का जलस्तर बढ़ने लगा है। सतलुज के किनारों पर रहने वालों के घर एक बार फिर खाली करवा दिए गए हैं। गांव हर्षा बेला और आस-पास के गांवों में पानी ने सतलुज के किनारों को तोड़ना शुरू कर दिया है और गांव में पानी आना शुरू हो गया है। गांव में रखे पावन स्वरूप को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। देर रात NDRF की टीमें भी गांवों में पहुंच गई हैं और राहत कार्य व रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिए। रोपड़ की DC डॉ. प्रीति यादव ने कहा कि प्रशासन की टीमों ने हर्षा-बेला गांव का दौरा किया है। NDRF की टीमें भी मदद के लिए पहुंच रही हैं।

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