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राजेश्वरी कला संगम, एपीजे कॉलेज ऑफ़ फाइन आर्ट्स जालंधर की स्वर्ण जयंती एवं छठे राजेश्वरी कला-महोत्सव में श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया ने ‘राजेश्वरी सत्या’ ऑडिटोरियम किया अपने माता-पिता को समर्पित

जालंधर, 03 अप्रैल (धर्मेंद्र सौंधी) : राजेश्वरी कलासंगम, एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर जहां एक तरफ अपनी स्वर्ण जयंती धूमधाम से मना रहा है वहां दूसरी तरफ छठे राजेश्वरी कला-महोत्सव के अवसर पर कॉलेज में विभिन्न कलाओं के कलाकारों का समूह भी स्वर्ण जयंती को यादगार बना रहा है।

एपीजे एजुकेशन, एपीजे सत्मा एंड स्वर्ण ग्रुप की अध्यक्ष एवं एपीजे सत्मा यूनिवर्सिटी की चांसलर श्रीमती सुषमा पॉल बर्लिया ने कहा कि एपीजे कॉलेज के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सत्मपॉल जी ललित कलाओं को हमेशा प्रोत्साहन देते थे और जनमानस तक उसे पहुंचाना चाहते थे, उनकी इसी दूरदर्शिता एवं सोच को आधार बनाकर इस संस्था ने कला के क्षेत्र में नित्य नयी बुलंदियों को छुआ है।

ललित कलाओं में अपना जीवन ढूंढने वाले विद्यार्थी कलाकारों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता हुआ राजेश्वरी सत्या ऑडिटोरियम का इतना खूबसूरत निर्माण किया गया है जो उनकी सकारात्मक ऊर्जा एवं सोच को नयी परवाज़ देगा। श्रीमती बर्लिया जी ने गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में राजेश्वरी सत्मा ऑडिटोरियम अपने माता-पिता डॉ सत्मपॉल जी एवं श्रीमती राजेश्वरी पॉल जी को समर्पित किया। एपीजे सत्मा एंड स्वर्ण ग्रुप की को-ओनर एंड डायरेक्टर सत्मा एंड स्वर्ण ग्रुप, प्रो चांसलर एपीजे सत्सा यूनिवर्सिटी डॉ नेहा बर्लिया, एपीजे एजुकेशन की निदेशक डॉ सुचरिता शर्मा एवं एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस जालंधर की प्रिंसिपल डॉ नीरजा ढींगरा इस विशेष अवसर पर उपस्थित हुए।

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