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पाकिस्तान का अंत यानी आतंक का अंत : ब्लॉक प्रधान बब्बू सिढाना

जालंधर 09 मई (धर्मेंद्र सौंधी) : ऑपरेशन सिंदूर’ द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर (पीओके) में हमारी भारतीय सेना द्वारा नौ स्थानों पर जो सर्जिकल एयर स्ट्राइक की गई, उसमें सैकड़ों आतंकवादी मारे गए। मैं इसके लिए हमारी भारतीय सेना और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा मोदी सरकार को बहुत-बहुत बधाई और धन्यवाद देता हूँ।

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में जिस प्रकार से पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमारे देश के 28 भारतीयों की हत्या की, वह भी उनके सिर में गोली मारकर और जिसमें से 25 लोगों को यह पूछकर मारा गया कि वे हिंदू हैं?, वह घटना अत्यंत अमानवीय,क्रूर और मानवता के नाम पर कलंक थी। हमारी माताओं, बहनों और बेटियों की मांग का सिंदूर उजाड़ा गया।

इसीलिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन का नाम “ऑपरेशन सिंदूर” रखा, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। यह कार्य हमारे भारतीय भाइयों,नागरिकों को न्याय देने और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने का एक सच्चा प्रयास था। यह हमारे देश की बेटियों के सिंदूर को सम्मान देने के लिए किया गया, इसलिए इसका नाम “ऑपरेशन सिंदूर” रखा गया।

इस टीम का नेतृत्व हमारे देश के बहादुर भारतीय सेना के कर्नल सोफिया कुरैशी और एयर मार्शल व्योमिका सिंह ने किया। हम भारतीय सेना की इस पूरी टीम का हार्दिक आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हैं।

जिस प्रकार से हमारे वीरों ने पाकिस्तान और पीओके के नौ ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, वह एक बहुत बड़ा और निर्णायक हमला था। आज पूरा देश गौरव से भरा है। इसके साथ ही इसमें एक महत्वपूर्ण बात यह भी सामने आई है, जिसे पूरी दुनिया को समझना चाहिए कि जब-जब पाकिस्तान ने भारत पर आतंकवादी हमला किया चाहे वह पठानकोट हो, उरी हो, मुंबई ब्लास्ट (आतंकवादी कसाबऔर साथियों द्वारा किया गया आतंकवादी हमला) , पाकिस्तान ने हमेशा इन हमलों से इनकार किया। लेकिन पहली बार, पूरी दुनिया को यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान के भीतर ही सैकड़ों अनेक आतंकवादी संगठन के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर मौजूद हैं।

जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे बड़े आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को भारतीय सेना ने अपने मिसाइल हमलों से ध्वस्त कर दिया। इसमें उनके कई बड़े कमांडर और सैकड़ों आतंकवादी मारे गए। परन्तु आश्चर्य की बात तो यह है कि पाकिस्तान ने कई आतंकवादियों को अपने देश के झंडे में लपेटकर अंतिम विदाई दी, जिससे यह प्रमाणित होता है कि वे आतंकवादी पाकिस्तान के ही थे, और पाकिस्तानी नागरिक भी थे।

इससे यह साबित होता है कि :

पाकिस्तान आतंकवादियों को पैदा करने वाला एक आतंकवादी देश है।

पाकिस्तान आतंकवादियों का पनाहगाह है। पाकिस्तान आतंकवादी ट्रेनिंग सेंटरों का गढ़ है।इसलिए मैं पूरी दुनिया, संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राज्य अमेरिका और सभी वैश्विक शक्तियों से मांग करता हूँ कि:

सबसे पहले पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए।

जो देश और संस्थाएँ आतंकवाद के खात्मे का संकल्प लेकर चल रही हैं, उन्हें एकजुट होकर पाकिस्तान को जड़ से खत्म करना होगा।

जब तक पाकिस्तान का खात्मा नहीं होता, तब तक इस धरती से आतंकवाद का अंत नहीं हो सकता। क्योंकि पाकिस्तान ही आतंकवाद की जननी है — वही उसे पालता है, पोसता है, और फैलाता है।अब पाकिस्तान का अंत होना अत्यंत आवश्यक है। पाकिस्तान का अंत यानि आतंक का अंत।।

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