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पंजाब में नशा तस्करों के पैरों में लगेगी GPS ट्रैकिंग एंकलेट : DGP गौरव यादव

चंडीगढ़, 01 जून (ब्यूरो) : कनाडा और अमेरिका की तरह पंजाब पुलिस अब जेल से बाहर आने के बाद नशा तस्करों की हर हरकत पर नजर रखेगी। इसके लिए पुलिस नशा तस्करों के जेल से बाहर आने के बाद उनके पैरों में जीपीएस ट्रैकिंग वाली एंकलेट पहनाएगी। कानूनी राय लेने के बाद इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा।

यह दावा पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने किया है। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल तब किया जाएगा जब बड़े नशा तस्कर जेल से बाहर आएंगे। जम्मू कश्मीर पुलिस इस चीज का इस्तेमाल कर रही है। पुलिस इसका इस्तेमाल आतंकियों और नशा तस्करों के लिए कर रही है। वहीं नशा तस्करों को पकड़ने का अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। यह अभी भी लगातार जारी है।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जब किसी आरोपी को जमानत मिलती है, तो कुछ शर्तें होती हैं, जिनका पालन करना होता है। ऐसे लोगों पर नजर रखने की जरूरत होती है। जैसे कि हमने दूसरे राज्यों की स्टडी की है, जम्मू कश्मीर यूएपीए केसों के कैदियों के जेल से बाहर आने पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम प्रयोग करता है।

हम भी बड़े नशा तस्करों के लिए इस चीज का प्रयोग करने की रणनीति बना रहे हैं। इसके लिए हम कोर्ट के आदेश से इसे लगवाएंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि किसी के मानवाधिकारों का हनन न हो। हालांकि इस सिस्टम को तोड़ने की कोशिश करेगा तो उसका पुलिस का पता चल जाएगा।

500 करोड़ रुपए से जेलों को किया जा रहा अपग्रेड

500 करोड़ रुपए से जेलों को अपग्रेड किया जा रहा है। जेलों में आने वाले नशा करने वालों को नशामुक्ति की ओर ले जाया जा सकेगा। इस दिशा में काम किया जा रहा है। इस दौरान 250 से ज्यादा ऐसी एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनसे पता चलता है कि जेलों में नशा बरामद हुआ है।

ऐसे में जेल कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। हाईकोर्ट ने भी साफ कहा है कि ऐसे कर्मचारियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन गांवों में नशा खत्म करने के प्रस्ताव पास हुए हैं, उन गांवों में वाकई नशा खत्म हुआ है। इसकी जांच की जाएगी। इस बारे में हम पंचायत और बीडीसी सदस्यों से बात करेंगे, जिसमें पता लगाया जाएगा कि नशा कौन बेच रहा है और बाहर से नशा कहां से आ रहा है।

पुलिस अफसर अडॉप्ट करेंगे ड्रग यूजर

पंजाब पुलिस के अफसर अब एक ड्रग यूजर को अडॉप्ट करेंगे। उन्हें मोटिवेट करेंगे कि वह नशा लेना छोड़ें। साथ ही, उन्हें दोबारा आम जिंदगी शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह काम पूरी तरह से वॉलंटियर तौर पर होगा। डीजीपी ने कहा कि इस मुहिम में वह खुद शामिल होंगे। इसे “इच वन अडॉप्ट वन” नाम दिया गया है। डीजीपी ने सभी लोगों से अपील की है कि वे इसमें सहयोग करें।

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