
जालंधर 08 जुलाई (धर्मेंद्र सौंधी) : क्या नगर निगम में अभी भी चल रहा है भ्रष्टाचार का बोलबाला। पिछले दिनों विधायक रमन अरोड़ा व निगम अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं और विजिलेंस विभाग को काफी बड़ी संख्या में फर्जी नोटिसो की कॉपियां भी बरामद हुई। जिस पर पूर्व विधायक शीतल अंगुराल द्वारा 177 जाली नोटिसों का मुद्दा भी उठाया। ऐसा ही एक ताजा मामला आपके ध्यान में लाना चाहते हैं बीते दिनों वेस्ट हलके के शहीद बाबू लाल सिंह नगर में एक अवैध रूप से कमर्शियल निर्माण जोरो शोरो से चल रहा है।
जिसकी लिखित शिकायत भी दी गई जिससे दोबारा नगर निगम के अधिकारियों द्वारा सर जी नोटिस जारी कर दिया गया और शिकायत कर्ता को अंधेरे में रखने की कोशिश की जा रही है। जिससे पता चलता है कि नगर निगम में अभी भी भ्रष्टाचार का बोलबाला चल रहा है। विधायक रमन अरोड़ा और ATP सुखदेव वशिष्ठ के जेल यात्रा के बाद भी यह सिलसिला बंद नहीं हुआ और नकली नोटिस जारी करके सरकार को अंधेरे में रखकर मोटा चूना लगा कर सफल होते नजर आ रहे हैं। यहांं जिक्रयोग बात यह है कि आनेेवाले दिनों में इस अवैध कमर्शियल निर्माण पर विभाग द्वारा कार्रवाई होगी या फिर किसी सत्ताधारी राजनेता की शह पर यह अवैध निर्माण हो रहा है क्योंकि सबसे अधिक विचारणीय यह है कि लगभग यह अवैध निर्माण पूरा हो चुका है और विभाग द्वारा अभी भी नोटिस-नोटिस का खेल खेला जा रहा है। यहां उल्लेखनीय यह है कि जब बिल्डिंग विभाग के अधिकारी से इस बारे पूछा गया कि 4 तारीख को अवैध निर्माण कर्ता को जो नोटिस जारी किया गया वह अभी तक अवैध निर्माण कर्ता तक नहीं पहुंचा तो निगम अधिकारी ने कहा कि जांच करके नोटिस जल्द ही भिजवा दिया जाएगा परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम के अधिकारी शिकायत कर्ता को अंधेरे में रखने के लिए ऐसे नकली नोटिस दिखा कर शिकायत बंद करते है और अवैध निर्माण को अपने अन्तिम चरण तक पहुंचाने की भूमिका निभाते हैं। अब ऐसे अधिकारियों पर विजिलेंस ही कोई कार्रवाई करे तो सरकार को लग रहे सरकारी चूने को बचाया जा सकता है।