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उपचुनाव में काले धन पर आयकर विभाग की पैनी नजर

लुधियाना, 07 जून (ब्यूरो) : भारत के चुनाव आयोग के आदेशों के अनुसार आयकर विभाग के जांच निदेशालय ने आगामी विधानसभा उपचुनाव 2025 (64-लुधियाना पश्चिम) में काले धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। इंस्पेक्टर आयकर जांच विंग जालंधर मनविंदरबीर सिंह असीजा ने बताया कि इस संबंध में सूचना/शिकायतें प्राप्त करने के लिए आयकर कार्यालय, जालंधर में पंजाब राज्य के लिए एक टोल-फ्री नंबर (1800-180-2141) और एक व्हाट्सएप नंबर (7589166713) के साथ एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे काम करता है। लोगों को इस नंबर पर कॉल करने और चुनाव प्रक्रिया को अनुचित तरीके से प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नकदी या अन्य कीमती सामान से संबंधित विशिष्ट जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि कॉल करने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

उपचुनाव से संबंधित शिकायतों के निपटारे के लिए जिले में अधिकारियों और निरीक्षकों की टीमें तैनात की गई हैं। सूचना की प्रामाणिकता के आधार पर और जांच के बाद कानून के अनुसार उचित मामलों में नकदी आदि जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। ये टीमें जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) के जिला कंट्रोल रूम के साथ-साथ जिला स्तर पर अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करेंगी। चुनाव प्रक्रिया के दौरान बेहिसाब नकदी को संभालने में शामिल होने वाले व्यक्तियों, स्थानों और गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य के सभी हवाई अड्डों के साथ-साथ राज्य में वाणिज्यिक उड़ानों की सेवा देने वाले हवाई अड्डों पर एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) चालू है। यह यूनिट हवाई मार्ग से नकदी की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रही है।

इसी तरह, रेलवे अधिकारियों के समन्वय से रेलवे के माध्यम से नकदी आदि की आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है। बैंक खातों से एक निश्चित सीमा से अधिक नकदी निकालने से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा रही है तथा संदिग्ध लेन-देन की पहचान कर उचित कार्रवाई की जा रही है। निदेशालय उम्मीदवारों द्वारा संपत्ति और देनदारियों की घोषणा करने वाले हलफनामों की भी जांच करेगा और यदि इससे संबंधित कोई जानकारी छिपाई गई है तो इसकी सूचना चुनाव आयोग को दी जाएगी। इसी प्रकार, यदि उम्मीदवारों द्वारा चुनाव व्यय के संबंध में कोई आपत्तिजनक जानकारी एकत्रित की जाती है तो इसकी सूचना भी चुनाव आयोग को दी जाएगी।

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