
दिल्ली, 01 अप्रैल (ब्यूरो) : उत्तर प्रदेश सरकार की बुल्डोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (1 अप्रैल) को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यूपी सरकार और प्रयागराज विकास निकाय को अमानवीय तरीके से घर गिराने पर फटकार लगाई है। साथ ही पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए मुआवज दिए जाने के आदेश दिए हैं।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर और प्रोफेसर अली अहमद सहित अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कहा, प्रभावित परिवारों को 6 सप्ताह के अंदर मुआवजा उपलब्ध कराएं।
इस तरह ध्वस्त नहीं कर सकते मकान
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। कहा, इस देश में कानून का राज है। नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
छह सप्ताह में देना होगा मुआवजा
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, प्रयागराज में की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई अंतरात्मा को झकझोर देने वाली है। आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया जैसी कोई चीज भी है। प्रत्येक मकान मालिक को छह सप्ताह के भीतर 10-10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।
गैंगस्टर अतीक अहमद से कनेक्शन
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि प्रयागराज जिले में खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के लूकरगंज में नजूल प्लॉट नंबर-19 पर बने मकान यह सोचकर ढहा दिए गए कि जमीन गैंगस्टर अतीक अहमद की है। 6 मार्च, 2021 को इसके लिए नोटिस भी जारी किया था। पीड़ित परिवारों ने जवाब पेश किया, लेकिन प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई।